मोना लिसा / Mona Lisa की पेंटिंग के बारे में आपने सुना ही होगा। लेकिन क्या आप जानते है मोना लिसा कौन थी?
ऐसा क्या है उसकी पेंटिंग में जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुई। क्यों मोना लिसा की पेंटिंग दुनिया की सबसे महंगी पेंटिंग में से एक है? मोना लिसा की पेंटिंग दुनिया की सबसे मूल्यवान चीजों में शुमार है। जब कभी इस पेटिंग का नाम लिया जाता है तो लोग इस पेटिंग से जुड़े दिलचस्प तथ्यों के बारें में जानना चाहते हैं।
मोना लिसा / Mona Lisa की पेंटिंग
मोनालिसा की पेंटिंग इटली के महान कलाकार, “लियनार्डो दि विंची” ने 1503 से 1506 के बीच में बनायीं थी। हालांकि यह कहा जाता है कि जब 1519 में लियनार्डो दि विंची की मृत्यु हुई थी, उन दिनों वह मोना लिसा की पेंटिंग पर काम कर रहे थे और मोना लिसा की पेंटिंग अधूरी रह गयी थी।

कौन है मोना लिसा?
Mona Lisa की पेंटिंग में दिखने वाली महिला, इटली के एक अमीर व्यापारी, जो की रेशम और कपड़े का व्यापर करता था उसके पत्नी की है। पेंटिंग में दिखने वाली महिला का असली नाम “लिसा डेल जियोकोंडो” है, जो “लिसा घेरार्दिनी” के रूप में पैदा हुई थी। कहा यह जाता है कि जब मोना लिसा की पेंटिंग बनायीं जा रही थी तब वह अपनी किशोर अवस्था में थी।
सन् 1550 में प्रसिद्ध लेखक, जार्जियो वसारी ने “लिसा घेरार्दिनी” की पेंटिंग का नाम “मोना लिसा” दिया।
मोना लिसा की पेंटिंग फ्रांस कैसे पहुंची?
Mona Lisa की पेंटिंग लियनार्डो दि विंची ने सन 1503 में बनानी शुरू की थी। लेकिन सन 1516 में फ्रांस के राजा फ्रांसिस I(प्रथम) ने लियनार्डो दि विंची को क्लोस ल्यूस में काम करने के लिए बुलाया। माना यह जा रहा है कि उस वक़्त मोना लिसा की पेंटिंग पूरी नहीं हुई थी इस कारण लियनार्डो दि विंची पेंटिंग को अपने साथ फ्रांस ले गए थे।
क्या मोना लिसा के आँखों पर भौं नहीं थे?
मोना लिसा के भौं के ऊपर कई तथ्य है। कुछ लोग कहते है कि मोना लिसा की पेंटिंग अधूरी थी इसलिए आँखों पर भौं नहीं है। जबकि कुछ लोगो का कहना है कि इटली में उस वक़्त महिलाओ में भौं ना रखने का फैशन था।
रिसर्चरो की टीम ने जब कंप्यूटर ग्राफ़िक्स द्वारा पेंटिंग की गहरी जांच की तो पता चला की पेंटिंग के शुरुआत में मोना लिसा के आँखों पर भौं थे। लेकिन लम्बे समय के दौरान पेंटिंग को बार-बार साफ़ करने से आँखों के ऊपर से भौं मिट गए।
मोना लिसा के पेंटिंग से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
लियनार्डो दि विंची ने अपने जीवन के दौरान कई पेंटिंग बनाए और उनकी हर पेंटिंग मास्टरपीस है। लेकिन आपको यह जान कर हैरानी होगी कि मोना लिसा की पेंटिंग को विख्यात करने के पीछे एक चोर का हाथ था।
जी हां, आपने सही सुना!
सन 1911 में एक चोर ने Mona Lisa की पेंटिंग चुरा ली। उस वक़्त के अखबारों ने इस चोरी की घटना को प्रमुखता से छापा और कुछ दिनों में चोरी की यह बात विश्व में आग की तरह फ़ैल गयी। हालांकि, दो साल बाद चोर पकड़ा गया और पेंटिंग वापस मिल गयी थी।
जिस म्यूजियम से पेंटिंग चोरी हुआ था चोर वहां पर सहायक के तौर पर काम करता था। चोर का नाम विन्सेन्ज़ो पेरुगिया था और उसने अपने दो भाईयो की मदद से पेंटिंग चोरी की थी।

सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है की जब पेंटिंग चोरी हुई तो चोरी का शक उस वक़्त के महान चित्रकार “पब्लो पिकासो” पर हुआ था और चोरी के संदेह में उनसे पूछताछ भी की गयी थी।
आपको यह तो पता ही होगा की Mona Lisa की पेंटिंग दुनिया की सबसे महंगी पेंटिंग में से एक है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस पेंटिंग का बीमा मूल्य 7323 करोड़ रूपये का है। जो की गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे महंगे बिमा पेंटिंग के रूप में दर्ज है।
Mona Lisa की पेंटिंग में मोना लिसा की मुस्कान सबको आकर्षित करती है। लेकिन जब आप पेंटिंग को गौर से देखते है तो उसकी मुस्कान दिखनी बंद हो जाती है या कम लगने लगती है। चेहरे की पहचान करने वाले एक सॉफ्टवेयर से जब चेहरे को स्कैन किया गया तो चेहरे पर 83% खुशी, 9% घृणा, 6% भय और 2% नाराजगी का पता चला।
हालांकि अब भी का लोग चेहरे की अभिव्यक्ति को लेकर अलग अलग राय देते हैं।

सन 1986 में अमेरिका में कंप्यूटर वैज्ञानिको ने एक रिसर्च में यह बताया कि Mona Lisa की पेंटिंग में कोई महिला नहीं बल्कि खुद चित्रकार “लियनार्डो दि विंची” है। लियनार्डो दि विंची और मोना लिसा को जब आमने सामने रखा गया तो दोनों में काफी समानता मिली। कंप्यूटर की मदद से जब मोना लिसा की पेंटिंग पर बाल, दाढ़ी और भौं लगाया गया तो मोना लिसा और लियनार्डो दि विंची दोनों देखने में एक समान लग रहे थे।
मोना लिसा की पेंटिंग में उसकी आँखों का चित्रण ऐसे किया गया है की आप किसी भी दिशा से पेंटिंग को देखेंगे तो आपको ऐसा लगेगा की पेंटिंग आप की ही देख रही है।
लियनार्डो दि विंची ने अपने जीवन काल में मोना लिसा की दो पेंटिंग बनायीं थी। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि लियनार्डो दि विंची ने ऐसा क्यों किया। ऐसा कहा जाता है कि लियनार्डो दि विंची ने मोना लिसा की दूसरी पेंटिंग अपने लिए बनाया था। लियनार्डो चाहते थे कि पेंटिंग में मोना लिसा बेहतरीन और खूबसूरत दिखे।
Mona Lisa की पेंटिंग को दुसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजियो के हाथो से बचाने के लिए 6 बार उसे हटाया गया था। मोना लिसा की सबसे छोटी तस्वीर केवल 30 माइक्रोमीटर की है।
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