आपने भी कई बार किसी पार्टी में या किसी समारोह दोस्तों के साथ जूस या शराब यह कोई अन्य पेय प्रदार्थ पीते समय, आपने एक दुसरे के साथ ग्लास ऊपर उठाकर जरूर टकराया होगा और चियर्स कहा होगा। लेकिन कभी आपने यह सोचा कि हम गिलास क्यों टकराते हैं? या चियर्स क्यों कहते हैं? इस आर्टिकल में आपके इन्ही सब सवालो का जवाब देंगे।
हम सब किसी पार्टी में या किसी समारोह में गिलास उठाकर, चियर्स कहते हुए, गिलास से गिलास टकरा देते है पर किसी ने शायद ही सोचा होगा की वह ऐसा क्यों कर रहे हैं। गिलास टकराना और चियर्स कहना सदियों से चला आ रहा है। हालांकि अभी तक यह किसी को नहीं पता की ऐसा करने के पीछे क्या कारण है। लेकिन अलग-अलग जगह के लोग इसके पीछे अलग अलग सिद्धांत बताते हैं।

गिलास टकराने के पीछे के कारण
पुराने समय में समुद्री डाकू, कीमती सामान को लूटने के बाद जश्न मानते थे और आपस में लुटे हुए सामान की हिस्सेदारी बांटने थे। लेकिन उनमे से कभी-कभी कुछ डाकू जश्न के दौरान एक दुसरे के गिलास में ज़हर दे देते थे ताकि उनके हिस्सेदारी में इजाफा हो। इसे रोकने के लिए समुद्री डाकू एक दुसरे के साथ गिलास को जोर से टकराते थे, जिससे गिलास में भरी शराब या पानी छलक कर एक दुसरे के गिलास में पहुंच जाता था। इससे अगर किसी ने ज़हर मिलाया भी हो तो सब के गिलास में मिल जाएगा।
दोस्तों के जश्न मानाने और शराब पीने में हमारी कई सारी इंद्रियाँ शामिल होती हैं। यह सुनने में तो अजीब लग रहा है लेकिन यह सच है। जश्न मानाते वक़्त देखना, सूंघना, स्वाद लेंने और महसूस करने जैसी कई इंद्रियां काम करती है। ऐसा कहा जाता है कि जश्न के दौरान गिलास टकराने से जो ध्वनि निकलती है वह ध्वनि सभी पांच इंद्रियों को खुश करने में मदद करता है।
मध्यकालीन समय में लोग जश्न या किसी समारोह के दौरान गिलास जोर से टकराते थे। जिससे शराब या कोई पेय जल फर्श पर गिर जाता था, कई बार कुछ बूंदे जानकर भी गिरा दिया जाता था। यह बुरी आत्माओ को खुश करने के लिए किया जाता था। लोग ऐसा इस उम्मीद से भी करते थे की बुरी आत्मा उन्हें भविष्य में परेशान नहीं करेगी। जर्मनी में तो गिलास को जोर से टकराने के बाद जोर से चिल्लाते भी हैं ताकि बुरी आत्मा डर के उनके बीच से चले जाये।
ग्रीक और रोमन परंपरा में शराब या खून देवताओ को चढ़ाया जाता है और बदले में लोग अपने अच्छे स्वास्थ्य और अपने तरक्की की कामना करते हैं। भारत में भी कुछ लोग शराब पीने के दौरान गिलास टकराने के बाद अपने उंगलियो से शराब की कुछ बूंदे फर्श पर छिड़क देते हैं।

चियर्स क्यों कहते हैं?
पुराने समय में जश्न मानते समय शराब में “टोस्ट” डाल दिया जाता था। टोस्ट शराब में मौजूद एसिड को सोख लेता था। बाद में यही “टोस्ट” शब्द किसी समारोह में या किसी जश्न में अच्छे समय में इस्तेमाल किया जाने लगा।
आमतौर पर जब हम जश्न मनाने के लिए अपने दोस्तों के साथ शराब पीते हैं, तो हम पहले “चीयर्स” कहते हैं, यहां चियर्स का मतलब है “खुशी के समय शुरू” होना। चियर्स शब्द का प्रयोग शुभकामनाएं व्यक्त करने के लिया किया जाता है। पश्चिमी सभ्यता (यूरोप, अमेरिका) के पुराने दौर से ही शादी के समारोह में सबसे पहले एक अच्छा वक्ता विवाहित जोड़ो के बारे में अच्छे शब्द कहता है फिर शराब पीने से पहले चीयर्स कहते हैं, इसमें लोग “चियर्स” कहकर दम्पति के सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हैं।
अलग अलग भाषाओ में चियर्स कैसे कहा जाता है?
अफ्रीकी – गेशोन्हीद
स्पेनिश – सालूद
स्कॉटिश – स्लाव-चा
जर्मन – प्रोस्ट
जापानी – कनपई
फ्रेंच – सैंट
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