चीन के लोग और उनकी स्वतंत्रता
हम यह जानते हैं की चीन में कई वर्षो से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की सरकार है। कई लोगों को लगता है की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपने मनमाने तरीके से सरकार चलाती है जिससे चीन के लोग और उनकी स्वतंत्रता खतरे में है। जैसा की लोगो को हांगकांग के सन्दर्भ में लगता है।
हांगकांग में चीनी सरकार विरोधी प्रदर्शन सालो से चल रहा है और इस स्थिति के खत्म होने का कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहा है। असल में चीन द्वारा एक बिल लाया गया था जिसमें यह कहा गया है कि कुछ परिस्थितियों में संदिग्ध आपराधियों को चीन में प्रत्यर्पित कर सकते हैं। चीन के लोगों को यह डर था कि इससे न्यायिक स्वतंत्रता खतरे में पड़ जाएगी। हालांकि यह बिल बाद में उग्र प्रदर्शन के बाद वापस ले लिया गया।
रहा सवाल की क्या चीनियों को कोई व्यक्तिगत स्वतंत्रता नहीं है? तो मेरा जवाब इस आर्टिकल में धीरे धीरे मिल जाएगा। पिछले 40 वर्षों चीन में 800 मिलियन से अधिक चीनीओं को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया है। कम व्यक्तिगत स्वतंत्रता वाले देश की पहचान करना आसान है। व्यक्तिगत स्वतंत्रता के पहचान की पहली कसौटी गरीबी होनी चाहिए; बिना भोजन और आश्रय के बेघर लोगों के पास कोई आर्थिक और राजनीतिक शक्तियां नहीं होती है। इसलिए मेरा मानना है की इन लोगो के पास कोई व्यक्तिगत स्वतंत्रता नहीं है।

यहां चीन में लोगों के लिए सीसीपी सरकार की आलोचना करने के लिए आधिकारिक शिकायत चैनल हैं। यहां तक कि अगर कोई सीसीपी सरकार की खुलेआम या सोशल मीडिया के माध्यम से आलोचना भी करता है तो है, तो उसे उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता बशर्ते आलोचा में अपशब्द ना हो। यह सब पढने में अच्छा लग रहा होगा। लेकिन असलियत कुछ और ही है। अब आपको हकीकत से रूबरू कराता हूं।
आपने कोविड -19 कि महामारी के दौरान पत्रकार और महत्वपूर्ण शिक्षाविद को चीन में गायब होते देखा होगा। अगर चीन में सच में व्यक्तिगत स्वतंत्रता है तो वहां गूगल पर प्रतिबंध क्यों है? वहां आप बिना वीपीएन के चीन के बहार की खबरों को वास्तव में जान ही नहीं पाएंगें।
चीन में आप दो से अधिक बच्चों को जन्म देने का अधिकार नहीं है। कही जन्म दे भी दिया तो डर लगेगा की कहीं माँ को जेल में डाल तो नहीं दिया जाएगा।
चीन के पीआरसी के संविधान में चीनी नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को बताऊंगा। ताकि आपको यह पता चल जाए की संविधान में क्या लिखा है और असलियत क्या है।
चीन के लोग और पीआरसी के संविधान का आर्टिकल 34
जाती, नस्ल, लिंग, व्यवसाय, पारिवारिक पृष्ठभूमि, धार्मिक विश्वास, शिक्षा का स्तर, संपत्ति की स्थिति या निवास की लंबाई की परवाह किए बिना, 18 वर्ष की आयु तक पहुंच चुके पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार होगा और चुनाव के लिए खड़े हो सकेंगे।
आर्टिकल 34 की हकीकत
तो आप किसी को भी वोट कर सकते हैं, लेकिन सूची में केवल चयनित उम्मीदवार ही दिखेंगे। वह भी केवल केवल काउंटी / जिला स्तर के चुनावों में आम नागरिकों द्वारा सीधे मतदान किया जाता है। इसका सीधा मतलब यह है कि वहां चुनाव में स्वतंत्र रूप से आप खड़े नहीं हो सकते हैं।
चीन के लोग और पीआरसी के संविधान का आर्टिकल 35
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के नागरिकों को बोलने की स्वतंत्रता, प्रेस, असेंबली, एसोसिएशन, जुलूस और प्रदर्शन करने का अधिकार है।
आर्टिकल 35 की हकीकत
आप कह सकते हैं कि आप स्वतंत्र रूप से बोल सकते हैं लेकिन पुलिस और सरकार की तकनीकी दिग्गज कंपनियां आप पर हमेशा नज़र बनाए रखती है। सरकार के खिलाफ कुछ भी कहने या भाषण देने के बाद आपको प्रतिबंधित कर दिया जाएगा और यदि आप ऐसा करना जारी रखते हैं तो आपको औपचारिक हिरासत में लिया जा सकता है।

चीन के लोग और पीआरसी के संविधान का आर्टिकल 36
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के नागरिक को धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता होगी। कोई भी राज्य, सामाजिक संगठन या व्यक्ति किसी भी धर्म को मानने या ना मानने के लिए नागरिकों को बाध्य नहीं करेगा और न ही उन नागरिकों के प्रति भेदभाव करेगा जो किसी धर्म को मानते हैं या नहीं मानते हैं।
आर्टिकल 36 की हकीकत
यह बात किसी से छुपी नहीं है की चीन को कुछ मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के उत्पीड़न को लेकर बढ़ती आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। चीन में अल्पसंख्यक के साथ भेदभाव पूर्ण व्यव्हार किया जाता है।
चीन के लोग और पीआरसी के संविधान का आर्टिकल 37
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। किसी भी नागरिक को तब तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, जब तक कि किसी अदालत के फैसले या पीपल न्यायालय का आदेश ना हो। सिर्फ सार्वजनिक सुरक्षा करने वाले पुलिस द्वारा ही किसी को गिरफ्तार किया जा सकता है।
आर्टिकल 37 की हकीकत
कुछ स्थानीय पुलिस ब्यूरो उचित वारंट या आदेश के बिना संदिग्धों को गिरफ्तार कर लेते हैं।
चीन के लोग और पीआरसी के संविधान का आर्टिकल 39
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के नागरिकों के घर, अदृश्य हैं। किसी नागरिक के घर में पुलिस द्वारा या किसी संगठन द्वारा गैरकानूनी घुसपैठ कर खोजबिन करना प्रतिबंधित है।

आर्टिकल 39 की हकीकत
पुलिस द्वारा शक के आधार पर गैरकानूनी रूप से कई जगहों पर घर में जबरन घुसपैठ कर खोज बिन होता है।
चीन के लोग और पीआरसी के संविधान का आर्टिकल 41
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के नागरिकों को किसी भी राज्य अंग या राज्य कर्मचारी के बारे में आलोचना करने और सुझाव देने का अधिकार होगा और किसी भी राज्य अंग या राज्य कर्मचारी के खिलाफ संबंधित राज्य अंगों की शिकायतों, आरोपों या रिपोर्ट के साथ फाइल करने का अधिकार होगा। कोई भी इस तरह की शिकायतों, आरोपों या रिपोर्टों को नहीं दबाएगा या प्रतिशोधात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।
आर्टिकल 41 की हकीकत
खैर, स्थानीय सरकार ने शिकायतों, आरोपों या रिपोर्टों को दबाने के लिए बहुत अधिक जनशक्ति और पैसा खर्च किया है। इससे यह पता चलता है की वहां के सरकार में करप्शन अन्दर तक है।
चीन के लोग और पीआरसी के संविधान का आर्टिकल 42
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के नागरिकों को काम करने का अधिकार और दायित्व होगा। राज्य, विभिन्न तरीकों से रोजगार के अवसर पैदा करेगा, श्रमिक सुरक्षा को मजबूत करेगा, काम की परिस्थितियों में सुधार करेगा और उत्पादन के विकास के आधार पर, काम और काम से संबंधित लाभों के लिए पारिश्रमिक बढ़ाएगा।
आर्टिकल 42 की हकीकत
श्रम और समाज कल्याण मंत्रालय ने रोज़गार के अवसर पैदा करने, मज़दूरों की सुरक्षा को मज़बूत बनाने, काम करने की स्थिति में सुधार लाने के लिए बहुत कुछ किया। लेकिन अब भी बहुत कुछ करना बांकी है।
पीआरसी के संविधान के आर्टिकल के माध्यम से यह पता चलता है कि वहां पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता है लेकिन एक दाएरे में है। अगर आप केंद्र सरकार के खिलाफ कुछ बोलते हैं, तो आपको संभवत पुलिस द्वारा आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कुल मिलाकर जब तक आप सरकार को परेशान नहीं करते हैं, तब तक आप वह कर सकते हैं जो आप चाहते हैं।
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