इस धरती पर शायद ही ऐसा कोई प्राणी होगा जो नहीं सोए। आम जिंदगी में अपने काम के अलावा नींद भी एक आवश्यक कार्य है। नींद लेने अथवा सोने से आपका शरीर और दिमाग रिचार्ज हो जाता है। जब आप सो के उठते है तो तरोताजा और फुरतीला महसूस करते हैं। जरूरत के हिसाब से नींद लेने से शरीर स्वस्थ रहता है और बीमारियों को दूर रखने में भी मदद करता है।
अधिकांश लोगो को सात से नौ घंटे के बीच नींद ( Sleep )की आवश्यकता होती है।
लेकिन क्या आपको पता है अच्छी नींद नहीं लेने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि नींद की कमी से ध्यान लगाना मुश्किल होता है कभी कभी डिप्रेशन में भी जाने कि सम्भावना बढ़ जाती है।
लेकिन क्या होगा अगर आप कुछ दिनों तक नींद ही ना ले। ऐसा ही एक वाक्या एक लड़के की बताते हैं जो 11 दिनों तक बिना सोए जागता रहा। इसके साथ सबसे लंबे समय तक बिना सोए रहने का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया जो 11 दिन (264 घंटे) का है।
इस विश्व रिकॉर्ड को 17 वर्षीय रैंडी गार्डनर ने लैब कंडीशन में बनाया था। रैंडी बेहद फिट एथलीट था। इसी कारण रैंडी गार्डनर को इस प्रयोग के लिए चुना गया था।
अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि
“क्या रैंडी इस प्रयोग के बाद जिन्दा बच पाया?” या “रैंडी को 11 दिनों तक कुछ नहीं हुआ?”
तो चलिए हम आपको रैंडी कि 11 दिनों कि कहानी बताते है।
पहला दिन बिना सोए ( without sleep )
24 घंटे की नींद न लेने के बाद, रैंडी को चिड़चिड़ापन और तनाव महसूस होने लगा।
रैंडी गार्डनर ने शराब नहीं पिया था, लेकिन फिर भी उसके रक्त ( Blood ) में अल्कोहल का स्तर 0.10 बीएसी (BAC – Blood Alcohol Content) पहुच गया था। आप जानते ही होंगे कि भारत में सड़क पर ड्राइव करने के लिए अनुमत अधिकतम बीएसी (BAC – Blood Alcohol Content) 0.03 बीएसी है।
घ्यान रहे, 0.10 बीएसी ( BAC ) कि स्तिथि पर, आपका शरीर झपकी लेना शुरू कर देता है।
दूसरा दिन बिना सोए ( without sleep )
बिना नींद के 48 घंटे बाद रैंडी को कभी-कभी कुछ सेकंड के लिए झपकी आने लगी। इसे “माइक्रोस्लीप” के रूप में जाना जाता है। मस्तिष्क अपनी सुरक्षा और शरीर को आराम देने के लिए ऐसा करता है।
तीसरा दिन बिना सोए ( without sleep )
72 घंटे बाद रैंडी ने वस्तुओं/ चीजो को ठीक से चखने, सूंघने या महसूस करने की अपनी क्षमता खो दी। इस स्तर पर ज्यादातर लोग डिप्रेशन महसूस करने लगते हैं।
सच कहूं तो 72 घंटों के बाद आपका दिमाग ठीक से काम करना बंद कर देता है।
चौथा दिन बिना सोए ( without sleep )
96 घंटे बाद रैंडी इस स्तर पर पहुचने लगी कि उसे मतिभ्रम होने लगा हैं। रैंडी धीरे-धीरे अपनी वास्तविकता की भावना खोने लगा और पागलपन जैसे लक्षण आने लगे।
सच कहूं को इस स्तर पर आपका दिमाग आधिकारिक तौर पर बंद हो जाता है।
पांचवे से ग्यारहवे दिन बिना सोए ( without sleep )
ग्यारहवें दिन, जब उनसे 100 से 7 लगातार क्रम में घटाने के लिए कहा गया, तो वह100 से शुरू हुए और 65 पर रुक गए। जब रैंडी से पूछा गया कि वह क्यों रुका गए, तो उन्होंने जवाब दिया कि वह भूल गए कि वह क्या कर रहे थे।
नींद न आने के 11वें दिन, रैंडी आखिरकार बेहोश हो कर गिर जाते हैं। इसके बाद 14 घंटे तक नींद ली और जागने के बाद पानी पिया। अगले कुछ दिनों तक रैंडी को बहुत थकान महसूस हुआ था।
रैंडी गार्डनर को अपने नींद के प्रयोग के दशकों बाद गंभीर अनिद्रा का अनुभव होता था।
यह प्रयोग 1963 में किया गया था। 79 साल की उम्र में अभी भी रैंडी स्वस्थ, फिट और खुश रहते हैं।
कई लोगों ने गार्डनर के रिकॉर्ड को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने लोगों के स्वास्थ्य के लिए बताकर इन प्रयासों को प्रमाणित करना बंद कर दिया।
मुझे आशा है कि आपको “11 दिन आप नहीं सोए तो आपका क्या होगा?” के कुछ रोचक तथ्य पर हमारा यह लेख पसंद आया होगा। आप अपनी प्रतिक्रिया हमें कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं ताकि हम तिकड़म पर और भी रोचक तथ्य भविष्य में ला सकें। तिकड़म की ओर से हमारी हमेशा यही कोशिश है कि हम लोगों तक दुनिया के दिलचस्प तथ्यों से अवगत करा सकें। यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो मेरा आपसे अनुरोध है कि आप हमारें YouTube चैनल को अपने मित्रों के साथ शेयर करें। आप यहाँ टेक्नोलॉजी, सिनेमा और स्वास्थ सम्बंधित आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं।