क्या रहस्य है ईस्टर आइलैंड / Easter island में मानव जैसे दिखने वाले मोअई / Moai मूर्तियों का?

अभी तक यह साफ़ साफ़ पता नहीं चल पाया है कि किस समुदाय ने इन मूर्तियों की नक्काशी की थी।

Easter island

Easter Island. Moai

दुनिया में ऐसे कई रहस्य है जो कि आज के इस आधुनिक मानव के लिए भी पता लगा पाना मुश्किल होता है। आज हम बात कर रहे हैं ईस्टर आइलैंड / Easter island में मानव जैसे दिखने वाले मोअई पत्थरों की। क्या ऐसा कारण रहा कि चट्टानों को मानव की प्रतिमा में उकेरा गया? वह भी एक या दो नहीं बल्कि लगभग 900 से अधिक प्रतिमाएं है।

ईस्टर आइलैंड / Easter island, रहस्यमय मानव आकृति जैसी दिखने वाले चट्टानों, जिसे मोअई / Moai भी कहा जाता है के लिए विख्यात है। ईस्टर आइलैंड / Easter island को स्थानीय भाषा में रापा नूई / Rapa Nui भी कहा जाता है।

ईस्टर आइलैंड / Easter island दुनिया के दूर दराज जगहों में से एक है। इसके सबसे पास की जगह
पिटकेर्न आइलैंड है। पिटकेर्न आइलैंड, ईस्टर आइलैंड / Easter island से 2000 किलोमीटर दूर स्थित है। ईस्टर आइलैंड / Easter island अब चिली का हिस्सा है। ईस्टर आइलैंड / Easter island चिली/ Chile 3500 किलोमीटर दूर है।

सबसे पहले इस ईस्टर आइलैंड / Easter island की खोज, एक डच खोजकर्ता, जैकब रोजगेवेन / Jacob Roggeveen द्वारा 5 अप्रैल 1722 में किया गया था। जैकब रोजगेवेन / Jacob Roggeveen, डेविस लैंड की खोज में निकले थे।

क्या है मोअई / Moai मूर्तियों का राज?

मोअई / Moai, पत्थरों को तराश के बनायी गयी मानव जैसी दिखने वाली मूर्तियों है। इसे सन 1250 से 1500 ईस्वी के आसपास रापा नूई लोगो द्वारा बनाया गया था। इन 1000 मूर्तियों में से आधे, “रानो राराकू / Rano Raraku” क्षेत्र के पास है और बांकी आइलैंड के चारो ओर फैले हुए हैं। यहां के मूल निवासियों का कहना है कि यह मोअई / Moai उनके मृत पूर्वजों का जीता जागता चेहरा है। कई पुरातत्वविदों का सुझाव है कि यह मूर्तियाँ उनके मृत पूर्वजों के आत्मा को दर्शाती है। मूल निवासियों का मानना ​​था कि मृत पूर्वजों की यह मूर्तियाँ  उनके जनजाति पर नजर रखेगी और सौभाग्य लाएगी।

शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को इन 1000 के करीब मानव जैसे दिखने वाले मूर्तियों को बनाना और इसे ढोकर आइलैंड के अलग-अलग हिस्सों में ले जाना आश्चर्यजनक लगता है। क्योंकि इसे उस वक़्त ढोने के लिए ना तो ट्रक थे ना ही कोई भारी भरकम मशीन। इन मूर्तियों की औसत लम्बाई 4 मीटर है।  इनमे से सबसे ऊंची मूर्ति की लम्बाई 10 मीटर तक है। इनका औसत वजन 12.5 टन है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि इन मूर्तियों को रस्सियों और लकड़ी के स्लेज की सहायता से द्वीप के अलग अलग हिस्सों में ले जाया गया था।

इन मोअई मूर्तियों को पूरे द्वीप पर इस तरह लगाया गया है कि देखने में ऐसा लगता है जैसे समुद्र से दूर यह अपने लोगों और घर / गांव पर नज़र रख रही हो। इन मूर्तियो में से मात्र सात मूर्तियां ऐसी है जो समुद्र की तरफ मुंह करके खड़ी है। इन सात मूर्तियों को आहु अकिवि / Ahu Akivi कहा जाता है। किंवदंती के अनुसार यह सात लोग थे जो अपने राजा के आने की प्रतीक्षा कर रहे थे।

हालांकि अभी तक यह साफ़ साफ़ पता नहीं चल पाया है कि किस समुदाय ने इन मूर्तियों की नक्काशी की थी।

ईस्टर आइलैंड / Easter island बंजर क्यों है?

कहा जाता है कि सन 1600 तक ईस्टर आइलैंड / Easter island द्वीप, पेड़, पौधों, वनस्पतियों से भरा हुआ था। लेकिन द्वीप पर रहने वाले लोगो द्वारा अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पेड़ो को इस कदर काटा गया कि कुछ वर्षो बाद वहां की ज़मीन बंजर हो गयी। पैलियोबोटनिस्ट द्वारा किए गए अध्ययनों से पता चला है कि चूहों ने भी वनस्पति / पेड़-पौधों के बीजो, जैसे की ताड़ के पेड़ के बीजो को कुतर कर उसे दुबारा उगने नहीं दिया।

सिर्फ पेड़ ही नहीं बल्कि पक्षिओ की भी छह प्रजातियां भी जो सिर्फ ईस्टर आइलैंड पर पाईं जाती थी वृक्षों के काटे जाने से लुप्त हो गए। शोधकर्ताओं का कहना है की कुल मिलाकर पेड़ो की 21 प्रजातियां और पक्षिओ कि सभी प्रजातियां, वृक्षों की कटाई से विलुप्त हो गए।

हालांकि 2015  में 60,000 के करीब पेड़ो को लगाया गया था। लेकिन भू-क्षरण / Erosion से बचने के लिए करीब  2,00,000 पेड़ो के लगाने की और जरूरत है।

ईस्टर आइलैंड / Easter island और मोअई / Moai से जुसे कुछ रोचक तथ्य


वैज्ञानिक निश्चित रूप से नहीं जानते हैं कि ईस्टर आइलैंड पर मानव कब से रह रहा है लेकिन कई लोग दावा करते हैं कि ईस्टर आइलैंड पर मानव का निवास लगभग 700 से 1100 ईस्वी में शुरू हुआ।

1860 में ताहिती नाविकों ने इस द्वीप को रापा नुई नाम दिया।

1722 में डच खोजकर्ता, जैकब रोजगेवेन ने जिस दिन पहली बार द्वीप पर कदम रखा था, उस दिन ईस्टर रविवार था। इस कारण द्वीप का नाम ईस्टर आइलैंड रखा गया।

ईस्टर आइलैंड का सबसे पुराना ज्ञात नाम Te Pito o Te Henua है।

ईस्टर आइलैंड का आकार 164 वर्ग किलोमीटर है और इसमें तीन मृत ज्वालामुखी हैं।

2009 तक, ईस्टर आइलैंड की जनसंख्या 4,781 थी। द्वीप की आधिकारिक भाषाएं स्पेनिश और रैपा नुई हैं।

एक मोअई मुर्ति को बनाने में लगभग एक वर्ष का समय लगा। इसे 5 से 7 लोगो द्वारा छेनी का इस्तेमाल कर बनाया गया था।

मोअई मुर्तियो के सर पर टोपी जैसी नक्काशी की गयी है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि यह टोपियां बाल हो सकते हैं, जबकि अन्य लोगो का कहना है कि यह टोपियां शक्ति का प्रतीक हैं।

आहु अकिवि / Ahu Akivi और अहू वाई उरी / Ahu Bai Uri

मोअई मुर्तियो बनाने के पीछे कुछ स्थानीय लोगो का कहना है कि जब द्वीप पर विनाशकारी बीमारियां फैल गयी तब रैपा नुई लोगों ने ऐसी मूर्तियां बनाईं, जिनके बारे में उनका मानना ​​था कि इन मूर्तियों में पूर्वजों की आत्मा वास करेगी और रोगों / बीमारीयों से बचाएंगी।

ईस्टर द्वीप में रहने वाले निवासियों को भोजन की आपूर्ति समुद्री जहाजो और हवाई जहाज के माध्यम से होती है।

कहा जाता है कि प्रत्येक मोअई एक अलग परिवार का प्रतिनिधित्व करती है जो कि गुजर चुकी है। यह मोअई ज्यादातर देखने में एक जैसे लगते हैं।

ईस्टर आइलैंड / Easter island द्वीप का शिखर एक एक ज्वालामुखी है जो समुद्र तल से लगभग 1,600 फीट ऊपर है।

किसी ने एक बार मोअई का एक कान चुराने की कोशिश की जिसे बाद में पकड़ लिया गया और उस पर 12.5 लाख जुर्माना लगाया गया था।

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