3डी होलोग्राम प्रोजेक्शन आने वाले भविष्य में स्मार्टफ़ोन और कंप्यूटर स्क्रीन की जगह ले लेंगे।
3 डी होलोग्राम ज्यादातर लोगों ने केवल हॉलीवुड फिल्मों में देखा है। लेकिन अब विशेष रूप से प्रभावशाली तरीके से वास्तविकता बन गए हैं।
सरल शब्दों में, एक होलोग्राम एक 3डी (थ्री डायमेंशन) प्रोजेक्शन तकनीक है जिसे हम बिना किसी कैमरे या थ्री-डी चश्मे के देख सकते हैं। होलोग्राम में उभरने वाले छवी को किसी भी दिशा से देखा जा सकता है। होलोग्राम बानने की तकनीक और विज्ञान को होलोग्राफी कहा जाता है।
होलोग्राफिक छवियां स्थिर हो सकती हैं, जैसे किसी प्रोडक्ट की तस्वीर, या वह एनिमेटेड हो सकते हैं।
होलोग्राम का आविष्कार ब्रिटिश-हंगेरीयन भौतिक विज्ञानी डैनिस गैबर ने सन 1947 में किया था, जिसे सन् 1960 में और विकसित किया गया। इसके बाद इसे औद्योगिक उपयोग में लाया गया। डेनिस गैबर को उनके आविष्कार और होलोग्राफिक पद्धति के विकास के लिए “भौतिकी में 1971 में नोबेल पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था।
यह कैसे काम करता है?
होलोग्राम प्रकाश की किरण को विभाजित करके बनाया जाता है। होलोग्राम बनाने के लिए लेज़र बीम को विभाजित किया जाता है, लेज़र बीम की किरण दो हिस्सों में बंट जाती हैं और समान रूप से दोनों तरफ जाती हैं। जब उनका फोटोग्राफिक प्लेट में पुनर्संयोजन होता है, तो ऑब्जेक्ट बीम को अलग रास्ते से गुज़ारा जाता है और वस्तु की बाहरी सतह से परावर्तित करके इसकी किरणों को बिखेर दिया जाता है। और जब ये दोनों बीम एक साथ मिलती हैं तो वस्तु की एक 3डी (थ्री डायमेंशन) छवि दिखाई देती है।

एक स्क्रीन पर प्रदर्शित फिल्म के विपरीत, 3डी होलोग्राम में दिखाई जाने वाली फिल्म सभी कोणों से दिखाई देती है। इसकी सबसे दिलचस्प बात यह है कि 3डी टेलीविजन या वर्चुअल रियलिटी के विपरीत, एक 3डी होलोग्राम बिना 3डी चश्मे के भी देखा जा सकता है, जो कि मेलों, प्रदर्शनियों और इसी तरह के कार्यक्रमों में उपयोग के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
3D होलोग्राम किसके लिए उपयोग किया जाता है?
उत्पादों को एक अभिनव तरीके से पेश करने के लिए: 3डी होलोग्राम उत्पादों को पेश करने का एक नया, अभिनव तरीका है और संभावित रूप से 3डी होलोग्राम, कंपनियों के लिए ग्राहकों को अपने यूएसपी प्रदर्शित करने का बेहतरीन तरीका हैं। प्रेजेंटेशन के पारंपरिक रूपों (फिल्में, फोटो) के विपरीत 3डी होलोग्राम ग्राहकों पर अधिक विस्तृत छाप छोडती हैं।

तकनीकी रूप से जटिल अवधारणाओं को सरल तरीके से समझाने के लिए: 3D होलोग्राम प्रोजेक्शन जटिल सामग्री का चित्रण, सरल तरीके से प्रस्तुत करने का एक आदर्श तरीका है। इसमें उन जटिल तारीको को आसानी से समझाया जा सकता है जो की पहले फोटो, वीडियो या PowerPoint का इस्तेमाल कर नहीं समझा जा सकता था।
3 डी होलोग्राम प्रोजेक्शन का अधिकतर उपयोग कहां किया जाता है?
3 डी होलोग्राम प्रोजेक्शन के उपयोग कई जगहों पर किया जाता है। जैसे कि व्यापार मेला, मीटिंग, संग्रहालय में, प्रदर्शनियों में, प्रोडक्ट प्रेजेंटेशन, शोरूम और फ्लैगशिप स्टोर में। ध्यान रहे की हर जगह, अवसर या उद्देश्य के लिए अलग होलोग्राफिक प्रणाली है।
3डी होलोग्राम प्रोजेक्शन अत्यधिक आकर्षक है यह जटिल तकनीकी अवधारणाओं को प्रस्तुत करने के लिए उपयुक्त है। 3 डी होलोग्राम कीमती सामानों और इसी तरह के सामानों को प्रदर्शित करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
एक 3डी होलोग्राम में कई शानदार फायदे हैं। कंपनियों को अपने उत्पादों को स्पष्ट रूप अलग और अद्भुत दिखाने में बहुत उपयोगी हुए हैं। 3डी होलोग्राम ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करते हैं और 3डी होलोग्राम प्रोजेक्शन में दिखाए गए प्रोडक्ट/उत्पाद लंबे समय तक ग्राहकों में मन में अंतर्निहित रहता है।
शोधकर्ता स्मार्टफोन के लिए 3डी होलोग्राम डिस्प्ले के निर्माण पर काम कर रहे हैं, जो डिस्प्ले की सतह पर या उसके ऊपर 3डी होलोग्राम प्रोजेक्ट करते हैं। भविष्य में 3डी होलोग्राम को स्मार्टफोन डिस्प्ले के पास प्रोजेक्ट करने में सक्षम होंगे। आने वाले स्मार्टफ़ोन का भविष्य भी अब होलोग्राम प्रोजेक्शन आधारित होगा।
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