सबसे बड़ी जटिल मशीन
- लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (एलएचसी): लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (एलएचसी) दुनिया की सबसे बड़ी सबसे बड़ी जटिल मशीन है। यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन द्वारा 1998 से 2008 के बीच बनाया गया था। इसे बनाने में 10,000 से अधिक वैज्ञानिक और 100 से अधिक देशों से सहयोग लिया गया था। यह एक सुरंग में 27 किलोमीटर की परिधि में स्थित है।

एलएचसी के अंदर दो कण के बीम टकराते हैं। अल्ट्राहिग वैक्यूम ट्यूब में बीम विपरीत दिशाओं में यात्रा करते। लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर बनाने का मुख्य कारण ब्रह्मांड की रचना के बुनियादी कारणों को समझना है और कैसे प्राथमिक वस्तुओं के बीच बल एक-दूसरे के साथ व्यव्हार करते हैं।

बकेट-व्हील एक्सकेवेटर (बीडब्ल्यूइ)
2. बकेट-व्हील एक्सकेवेटर (बीडब्ल्यूइ): यह सतह के खनन में इस्तेमाल होने वाली एक बड़ी भारी जटिल मशीन है। बीडब्ल्यूइ का मुख्य कार्य बड़े पैमाने पर खुले गड्ढे या खनन कार्यों में निरंतर खुदाई करना है। बकेट-व्हील एक्सकेवेटर अब तक निर्मित सबसे बड़ा वाहन है। इस कुल वजन 14,200 टन है। बकेट-व्हील एक्सकेवेटर के पास दुनिया में निर्मित ज़मीन पर सबसे भारी वाहन के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम)
3. टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम): पुराने समय में सुरंग बनाने के लिए ड्रिल और ब्लास्ट का तरीका इस्तेमाल किया जाता था। इससे सुरंग के आस पास के वातावरण पर असर पड़ता था। लेकिन टनल बोरिंग मशीन के आने से सुरंग बनाने का काम सरल हो गया है। यह जटिल मशीन पृथ्वी में सुरंग बनाती है। इसमें लगे इंटरलॉकिंग कंक्रीट की ईंटें बनाते हैं और सुरंग की दीवारों का निर्माण करती हैं। इस टीबीएम से सुरंग 1 मीटर से लेकर लगभग 16 मीटर तक की चौड़ाई में खोदी जा सकती है। टनल बोरिंग मशीन के आने से सुरंग बनाने की लागत काफी कम हो गयी है। इससे घनी आबादी वाले शहरीकृत क्षेत्रों में सुरंग बनाना आसान हो गया है।

सैटर्न V राकेट
4. सैटर्न V राकेट: अभी तक सबसे जटिल निर्मित जटिल मशीन सैटर्न वी रॉकेट है। इसी राकेट से मनुष्य को चाँद पर भेजा गया था और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटाया भी। यह दानव के आकार का राकेट 7.5 मिलियन पाउंड के थ्रस्ट का उत्पादन करता है जो कि मनुष्य को गुरुत्वाकर्षण बल को तोड़कर उसे गहरे अंतरिक्ष में भेजने के लिए पर्याप्त है। इसमें निर्मित टुकड़े लगभग अमेरिका की हर एयरोस्पेस कंपनी (बोइंग, नॉर्थ अमेरिकन, ग्रुम्मन आदि) द्वारा बनाए गए थे।सैटर्न V राकेट इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी का एक सच्चा चमत्कार है। यह दिखाता है की एक साथ काम करने से और अच्छे दिमाग के साथ क्या हासिल हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस)
5. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस): अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन निश्चित रूप से सबसे बड़ी मशीन नहीं है लेकिन बिल्कुल जटिल है। गहरे शून्य स्थान के वातावरण में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाना काफी कठिन काम है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाना कई देशों के बीच सहयोगी प्रयास से ही संभव हो पाया है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन एक अनुसंधान प्रयोगशाला के रूप में भी कार्य करता है। यहां ऐसे प्रयोग किये जाते है जो कि धरती/पृथ्वी पर संभव नहीं है। इन प्रयोगों में खगोल विज्ञान, मौसम विज्ञान, भौतिकी तथा अन्य क्षेत्रों में वैज्ञानिक प्रयोग किए जाते हैं।
यह मानव द्वारा बनाया गया अंतरिक्ष में सबसे बड़ी वस्तु है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को पृथ्वी की सतह से नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन लगभग 93 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगाता है और पूरे दिन में 15.5 बार पृथ्वी के चारो ओर चक्कर लगाता है।
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