रतन टाटा, के बारे में तो हम सब जानते ही हैं। रतन टाटा, हमारे देश के सबसे सफल बिजनेसमैन हैं। टाटा समूह ने भारत को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है। रतन टाटा, को इस देश की युवा पीढ़ी अपनी प्रेरणा और प्रतिभा का प्रतीक मानती हैं और उनकी कहानियां हम सभी के लिए प्रेरणादायक कहानियों से कम नहीं हैं।
चलिए रतन टाटा बारे में कुछ अज्ञात और रोचक तथ्य जानते हैं।
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- उनकी कमाई का लगभग 65% हिस्सा चैरिटी में जाता है। इसी कारण रतन टाटा खुद को अब तक अरबपतियों की सूची में नहीं डाल सके। यह कहना गलत नहीं होगा कि वह भारत के सबसे उदार व्यक्तियों में से एक हैं।
- रतन टाटा देश में अपनी दान करने वाले गतिविधियों के लिए मशहूर हैं। वह हमेशा शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी राशि दान करते हैं। उन्होंने विदेशो में पढने वाले भारतीय छात्रों के लिए, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को 50 मिलियन डॉलर और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी को 25 मिलियन डॉलर दान में दिए।
- साल 1940 में रतन टाटा के माता-पिता अलग हो गए और उस समय वह सिर्फ 3 साल के थे। उसके बाद उनकी देखभाल उनकी दादी ने की।
- रतन टाटा ने सबसे अच्छे स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई की, वह कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में स्कूली शिक्षा के लिए गए और इससे पहले वह शिमला के बिशप कॉटन स्कूल गए। उन्होंने आर्किटेक्चर एंड हार्वर्ड बिजनेस स्कूल और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, जैसे प्रसिद्ध कॉलेजों में पढाई की।
- रतन टाटा ने जब अपनी शिक्षा पूरी की, तो उन्हें IBM से नौकरी का प्रस्ताव मिला लेकिन उन्होंने उस नौकरी को लेने से इनकार कर दिया और अपने फैमिली बिज़नेस में शामिल हो गए।
- रतन टाटा एक प्रशिक्षित पायलट है। उन्होंने वर्ष 2007 में एफ-16 फाल्कन ( F-16 Falcon ) उड़ाया और ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय बने।
- रतन टाटा आज 96 बिज़नेस चला रहे है और इसमें से 28 स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड हैं। उन्होंने अपनी कंपनी को एक वैश्विक स्तर पर पहुचाया। जगुआर ( Jaguar) , लैंड रोवर ( Land Rover ) , कोरस ( Corus ) और टेटली ( Tetley ) का अधिग्रहण किया।
- 1999 में, रतन टाटा और उनकी टीम अपने कार व्यवसाय को बेचने के लिए फोर्ड ( Ford ) गए लेकिन वहां बिल फोर्ड द्वारा उन्हें अपमानित किया गया, बिल फोर्ड ने कहा, “आप कार के बारे में कुछ नहीं जानते, आपने पैसेंजर कार डिवीजन क्यों शुरू किया।” नौ साल बाद, रतन टाटा ने अपने अपमान का बदला तब लिया जब उन्होंने फोर्ड के कार ब्रांड, जगुआर ( Jaguar) और लैंड रोवर ( Land Rover ) को आधी कीमत पर खरीद लिया।
- उन्होंने ओला ( Ola ), पेटीएम ( PayTM ) और नेस्टअवे ( NestAway ) सहित विभिन्न स्टार्ट-अप में निवेश किया है। उन्होंने अप्रैल 2015 में चीनी स्मार्टफोन निर्माता Xiaomi में भी निवेश किया था।
- 2009 में, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के नाइट कमांडर ( KBE ) से सम्मानित किया था। उसी वर्ष उन्हें इतालियन रिपब्लिक के ऑर्डर ऑफ मेरिट से भी सम्मानित किया गया।
- रतन टाटा को 2005 में फोर्ब्स के एशियन बिजनेसमैन ऑफ द ईयर के रूप में नामित किया गया था। उन्हें 2000 में पद्म भूषण ( Padma Bhushan ) और 2008 में पद्म विभूषण ( Padma Vibhsuhan ) से भी सम्मानित किया गया।
- रतन टाटा का सपना दुनिया में सबसे सस्ती कार लॉन्च करना था ताकि हर आम आदमी इसे खरीद सके। उन्होंने 2008 में टाटा नैनो ( Nano ) लॉन्च करके अपना सपना पूरा किया।
- रतन टाटा ने 1981 में टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। यहां, उनकी जिम्मेदारी उच्च-प्रौद्योगिकी व्यवसायों में नए उद्यमों को बढ़ावा देना था। 1991 में, उन्होंने जे.आर.डी टाटा के बाद टाटा ग्रुप अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। तब से, रतन टाटा, टाटा ग्रुप के भाग्य को नया आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
- उनकी कमाई का लगभग 65% हिस्सा चैरिटी में जाता है। इसी कारण रतन टाटा खुद को अब तक अरबपतियों की सूची में नहीं डाल सके। यह कहना गलत नहीं होगा कि वह भारत के सबसे उदार व्यक्तियों में से एक हैं।
टाटा ग्रुप को यह ऊचाई उनकी दूरदृष्टि और ईमानदारी और कठिन प्रयासों के कारण ही मिली है। इन्ही के कारण आज टाटा ग्रुप भारतीय शेयर बाजार में किसी अन्य बिज़नेस घराने की तुलना में सबसे बड़ा Market Capitalization रखता है।
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