जुग जुग जियो पटियाला में रहने वाले परिवार की एक ऐसी अनकही कहानी है। जो आपनेअपने आसपास तकरीबन हर घर-परिवार और संबंधियों के बीच महसूस तो की होगी, एक ऐसा एहेसास जिसे हम बयान नहीं कर सकते। यह फिल्म राज मेहता द्वारा निर्देशित एक परिवार की कहानी है जिसमें एक-दूसरे के लिए प्यार तो हैं लेकिन वह एक दूसरे के साथ खुश नहीं है। तो आइये जुग जुग जियो मूवी का रिव्यू पढ़ते हैं।
इस फिल्म की कहानी यह है कि कुक्कू और नैना बचपन से एक दूसरे के साथ पटियाला में पले बढ़े हैं। जिनकी बाद में लव मैरिज हुई और अब वह कनाडा में रहते हैं। मगर शादी के 5 साल बाद भी वह एक-दूसरे से खुश नहीं है। जहां नैना शादी के बाद एक कंपनी में बेहतर पोस्ट पर काम कर रही है, वहीँ कुकू कनाडा के एक डांस-बार में बाउंसर है।
कहानी उस समय आगे बढ़नी शुरू होती है। जब दोनों को एक दूसरे के बारे में पता चलता है कि वह तलाक लेना चाहते हैं। उस समय कुक्कू यह शर्त रखता है कि वह तलाक देने के लिए तैयार है। मगर पहले अपनी बहन की शादी में भारत जाना चाहता है। फिर उसके बाद वह परिवार वालों के सामने अपनी इस बात को रखेंगे कि वह दोनों ही तलाक चाहते हैं। कुक्की और नैना पटियाला पहुचते है। अपनी बहन की शादी के समय इससे पहले कि वह अपने पिता को बताता कि वह नैना से तलाक लेना चाहते हैं। उसको वहां पता चलता है कि उसका पिता भीम अर्थात अनिल कपूर उसकी मां गीता अर्थात नीतू कपूर को डिवोर्स देना चाहता है क्योंकि अब उसे कुक्कू की मां गीता से नहीं बल्कि उसके स्कूल की टीचर मीरा से प्यार है।
आगे कहानी में जबरदस्त रोमांस है। जहां डायरेक्टर राज मेहता ने अपने राइटर्स की मदद से पूरी तरीके से डायलॉग और कहानी के उतार-चढ़ाव के द्वारा आपको महेसूस कराएंगे। जब कुक्कू को पता चलता है कि उसके मम्मी-पापा दोनों अलग होने जा रहे हैं तो वह इस बात को अपने मन में नहीं पचा पाता। जब उसे पता चलता है कि उसके पिता भी उसकी मां गीता को तलाक देना चाहते हैं। तो वह सामाजिक रूप से इस बात को स्वीकार नहीं कर पाता। उसके लिए तलाक एक बहुत बड़ी चीज होती है। कुकू यहां परिवार का एक बहुत ही भला बच्चा है। उसे लगता है कि पापा उसकी मम्मी को तलाक कैसे दे सकते हैं?
35 सालों के बाद भी आज के समय यदि उसके पापा उसकी मम्मी से खुश नहीं है तो फिर वह अपने मां-बाप की ऐसी स्थिति को कैसे देख पाएगा? वह किसी तरीके से अपने मां-बाप की शादी को बचाने के लिए उसी उधेड़बुन में लग जाता है। यदि ऐसे में उसे अपनी शादी से भी समझौता करना पड़े या कुछ सही-गलत भी करना पड़े। जिससे यह रिश्ते बचाए जा सकते हैं तो वह उसके लिए तैयार है। कहीं ना कहीं उसके मन भी यह बात है कि शायद उसकी नैना के साथ शादी भी बच जाए।
इसमें दिलचस्प बात यह है कि जुग जुग जियो के बेसिक कॉन्सेप्ट में राइटर और डायरेक्टर दोनों ने ही शुरुआत से फिल्म में यह धारणा बनाई है कि उन्हें क्या मैसेज लोगों तक पहुंचाना है और किस तरीके से पहुंचाना है। तो कहीं पर भी इस सीरियस मैसेज को लोगों तक पहुंचाने का जो माध्यम है वह सीरियस ड्रामा नहीं है बल्कि एक कॉमेडी ड्रामा है ।
यह फिल्म आपको हर पल यह बताती है कि आपकी उम्र महज़ एक नंबर है। यदि आप अपने रिश्तो से खुश नहीं है तो आपका अलग हो जाना ही एक सही निर्णय है। दुनिया क्या सोचेगी, लोग कहते सोचेंगे, इससे बेहतर यह है कि आप ही यह देखें कि क्या आप अपने परिवार में खुश हैं या नहीं। अगर आप रूढ़िवादी है या मॉडर्न है फिर भी अगर आप अपने परिवार में एक साथ रहकर भी, एक दूसरे के साथ में खुशियां नहीं बाँट सकते हैं। ऐसे जीवन का कोई मूल्य नहीं है।
जुग जुग जियो की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें तलाक जैसे एक सीरियस मसले को भी बहुत ही लाइट मोड में कॉमेडी के साथ दर्शाया गया है। इस फिल्म के एक सीन में जहां पर जब कुकू नैना को शादी के लिए प्रपोज करता है। तो वह अपने एब्स पर मार्कर से लिखकर नैना को प्रपोस करता है और कहता है कि विल यू मैरी मी नैना।
इस फिल्म में कियारा आडवाणी की एक्टिंग को उनके अच्छे कामों में गिना जा सकता है। उनकी पिछली फिल्मों में काम देखने के बाद में हम कह सकते हैं कि इस फिल्म में उन्होंने अच्छा काम किया है। इस फिल्म में अनिल कपूर का किरदार उनकी पुरानी कुछ फिल्मों में से एक दिल धड़कने दो से मिलता है। जुग जुग जियो में उनका किरदार एक ऐसे मसखरे पिता का है जो अपनी हर ख्वाहिश को पूरा करना चाहता है। जिसके लिए उसे सही या गलत, सच या झूठ का सहारा लेकर भी करना पड़े तो सही है।
अनिल कपूर के बारे में कहें तो इस फिल्म में उन्होंने बढ़िया एक्टिंग करी है और अपनी ज़बरदस्त परफॉर्मेंस द है। इस फिल्म में हर एक गंभीर मसले के बाद में एक छोटा सा लाइट पल है। जिसकी वजह से वह वह पूरा सीन हल्का हो जाता है और यह चीज आपको पूरी देखने को मिलेगी। इसलिए यह फिल्म आपको बोर नहीं होने देगी। हो सकता है कि आप इस तरीके का विषय है आपको आम जीवन से अलग लगे। मगर अगर इस फिल्म में राज मेहता ने पूरी कोशिश करी है कि आप तलाक से संबंधित प्रश्नों को भी कॉमेडी के माध्यम से आसानी से देख सकते हैं।
यदि हम किरदार के बारे में बात करें तो उसके गीता का किरदार नीतू कपूर ने निभाया है और जबरदस्त एक्टिंग करी है। उनकी करैक्टर से कई महिलाएं अपने जीवन की उतार-चढ़ाव को महसूस कर पाएंगी। यह समझ पाएंगी के पति को खुश करने में, बच्चों को बड़ा करने में, स्कूल भेजने में, किचन में खाना बनाने में, हर एक आम महिला का जीवन कैसे बीत जाता है और वह अपने जीवन में प्यार को हासिल ही नहीं कर पाती हैं।
इसलिए गीता भी अपने पति भीम को बखूबी जानती है इसलिए वह आज के समय में खुश भी है। पर जब गीता को यह पता चलता है कि शादी के 35 साल के बाद में भी अनिल कपूर उससे खुश नहीं है तो गीता को यह कड़वा घूंट पीना पड़ता है। जिस तरीके से यह फिल्म क्लाइमैक्स तक आती है उसकी हमने उम्मीद नहीं करी थी। इस फिल्म में नीतू कपूर और कियारा आडवाणी का इंटरवल के बाद एक बेहतरीन सीन है। जिसमें दो महिलाएं अपने परिवार में रहते हुए हुए एक-दूसरे से अपना दुख और भावनाएं साझा करती हैं। यदि हम परफॉर्मेंस के बारे में बात करें तो सबसे पहले नंबर पर बेहतरीन परफॉर्मेंस अनिल कपूर की उसके बाद वरुण धवन की और उसके बाद नीतू कपूर की है।
जुग जुग जियो फैमिली के लिए एक बढ़िया फिल्म है। आपको उसे देखकर बेहद मजा आएगा। आप इस फिल्म को अपनी फैमिली के साथ जाकर देख सकते हैं। बड़ी सुधरी हुई कॉमेडी है जो एक सीरियस मैसेज आपको कॉमेडी के रूप में देती है। इस मैसेज को आप अपने आप तक किस तरीके से पहुंचाते हैं? किस तरीके से समझते हैं? इसकी जिम्मेदारी डायरेक्टर राज मेहता ने आपको दी है।
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रिव्यू/समीक्षा
Jugjug Jiyo
यह फिल्म उन संबंधों को बताती है जो शादी के अनेक सालों बाद भी एक साथ तो हैं पर खुश नहीं है वह संबंधों में ऐसे फंसे हैं जैसे कि वह उसे कभी निकालना नहीं चाहते पर खुश नहीं है यह फिर उन संबंधों को दर्शाती है आज के समय में जो लोगों के साथ को प्यार से नहीं बल्कि उनकी मजबूरियों से देखता है
रिव्यू/समीक्षा विश्लेषण
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एक्टिंग
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एडिटिंग
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सिनेमेटोग्राफी