नेपाल की राजधानी में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर हिंदुओं का सबसे बड़ा शिव मंदिर है। हालांकि एक पशुपतिनाथ मंदिर भारत के मंदसौर में भी स्थित है।
पशुपतिनाथ मन्दिर काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बागमती नदी के किनारे देवपाटन गांव में स्थित है। यह मंदिर नेपाल में शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। पशुपतिनाथ दुनिया के कुछ जीवित सांस्कृतिक विरासत स्थलों में से एक है। यह माना जाता है कि पशुपतिनाथ मंदिर में मरने वालों का मानव के रूप में पुनर्जन्म होता है चाहे कितने भी बुरे कर्म किए हो।
ऐतिहासिक रूप से, यह अनुमान है कि पशुपतिनाथ का अस्तित्व 400 ईसा पूर्व भी था। लेकिन बाद में
5 वीं शताब्दी में लिच्छवी के राजा प्रचंड देव द्वारा मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था।

भौगोलिक रूप से नेपाल हिमालय की गोद में बसा हुआ है और हिमालय जो कि दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है भारत और नेपाल को अलग करती है।
दिल्ली से काठमांडू लोगों की एक लोकप्रिय यात्रा है, हालांकि कई लोग वाराणसी से काठमांडू की यात्रा करना पसंद करते हैं। अगर आप दिल्ली से सड़क मार्ग से काठमांडू जाना चाहते है तो सबसे आसान और सस्ता तरीका है आप दिल्ली परिवहन निगम। जो कि दिल्ली से काठमांडू के लिए सीधी बस सेवा प्रदान करता है बस दिल्ली गेट के पास अंबेडकर स्टेडियम बस टर्मिनल से प्रतिदिन सुबह 10 बजे रवाना होती है।
यह लग्जरी वोल्वो बस आगरा और कानपुर से होकर उत्तर प्रदेश की सुनौली सीमा तक जाती है। सनौली सीमा तक पहुंचने में लगभग 30 घंटे लगेंगे। इस वोल्वो बस का किराया 2,300 रुपये है।
भारत से पशुपतिनाथ मन्दिर (काठमांडू) कैसे जाए।
अगर आप भारत के किसी अन्य क्षेत्र से पशुपतिनाथ यात्रा करना चाहते है तो सबसे पहले आपको गोरखपुर पहुंचना होगा। फिर यहां से बस अथवा जीप लेकर सुनौली सीमा तक जाना होगा जिसमें तकरीबन तीन घंटे लग जाते हैं। एक बार जब आप बस से सुनौली सीमा की पार्किंग में पहुँच जाते हैं, तो आपको कार, ट्रक, लोग और धूल भरी सड़कें दिखाई देंगी। यह बस, जीप और रिक्शा आपको भारत – नेपाल सीमा के चेकपोस्ट तक पहुंचा देंगे।
सुनौली सीमा से कुछ किलोमीटर दूर भैरहवा में एक बस स्टेशन है। हालाँकि, भैरहवा में बहुत सारे ट्रैवल एजेंट आपको काठमांडू ले जाने के लिए संपर्क करेंगे।
वहां से फिर एक अन्य बस या जीप लेकर आपको काठमांडू जाना होगा जिसमें करीब 9-12 घंटे लग जाते हैं। सुनौली सीमा से काठमांडू का किराया 500 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक लग जाते हैं। कोशिश करें कि आप सुनौली सीमा से सुबह – सुबह निकल जाए ताकि आप मनमोहक वादियों और पहाड़ों का लुप्त उठा सके। आप जितना लेट निकलेंगे आपको उतना ज्यादा समय काठमांडू पहुंचने में लगेगा।
ध्यान दें कि भारतीय नागरिकों को नेपाल में प्रवेश करने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, अगर हवाई यात्रा करते हैं, तो भारतीय नागरिकों को चेक इन करते समय एक वैध पासपोर्ट या वोटर आईडी दिखाना होगा। आप हवाई मार्ग से भी काठमांडू जा सकते हैं। हवाई मार्ग से काठमांडू जाने में कम खर्च और कम से कम समय लगता है। हवाई मार्ग से दिल्ली – काठमांडू का किराया 4000 रुपए से 6000 रुपए तक लग जाता है। हवाई मार्ग से आप हिमालय के शानदार दृश्यों का आनंद ले सकते हैं जब आप हिमालय कि चोटियों से गुजरेंगे।
मुझे आशा है कि आपको “सड़क मार्ग से पशुपतिनाथ (काठमांडू) कैसे जाए?” के कुछ रोचक तथ्य पर हमारा यह लेख पसंद आया होगा। आप अपनी प्रतिक्रिया हमें कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं ताकि हम तिकड़म पर और भी रोचक तथ्य भविष्य में ला सकें। तिकड़म की ओर से हमारी हमेशा यही कोशिश है कि हम लोगों तक दुनिया के दिलचस्प तथ्यों से अवगत करा सकें। यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो मेरा आपसे अनुरोध है कि आप हमारें YouTube चैनल को अपने मित्रों के साथ शेयर करें। आप यहाँ टेक्नोलॉजी, सिनेमा और स्वास्थ सम्बंधित आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं।