दुनिया में रोज नए नए ऐसे अविष्कार हो रहे हैं जो की हमारी जिंदगी को सरल बनाने के साथ पर्यावरण के अनुकूल भी है। हम कुछ ऐसे ही अविष्कारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो की देखने में काफी सरल लगते हैं।

1. जीवन रक्षक बिंदी का अविष्कार
हजारों भारतीय महिलाएं विशेष रूप से ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्र में आयोडीन की कमी से पीड़ित हैं। आयोडीन हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है। आयोडीन की कमी से गोइटर, थायरॉइड ग्रंथि में खराबी और स्तन कैंसर जैसी समस्या भी उत्पन्न होती है।
सिंगापुर की कंपनी, ग्रे ग्रुप ने भारत स्थित गैर सरकारी संगठन, नीलकंठ मेडिकल फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर के साथ भागीदारी की। महिलाओ को आयोडीन की कमी से बचाने के लिए एक सरल लेकिन नए विचार के साथ आए।
उन्होंने देखा की भारतीय महिलाओ के माथे पर बिंदी महत्वपूर्ण आभूषण में से एक है। इस तथ्य को महसूस करते हुए, बिंदी के पीछे चिपचिपे तरल में आयोडीन मिला दिया। इस तरह जब माथे पर बिंदी लगाईं जाती है तो आयोडीन को त्वचा के माध्यम से सोख लिया जाती है और पूरे दिन के दौरान शरीर को आवश्यक मात्रा में आयोडीन मिल जाता है।
“जीवन रक्षक बिंदी” से आठ घंटे में, त्वचा के माध्यम से 150 माइक्रोग्राम आयोडीन शरीर में पहुंच जाता है। यह “जीवन रक्षक बिंदी” बहुत सस्ती हैं, एक पैक एक महीने तक चल सकता है, 15 रुपए में 30 बिंदी आ जाते हैं। यह के कमाल का आविष्कार है।

2. सीट के साथ सूटकेस या ट्रॉली
अब जब आप सूटकेस या ट्रॉली के साथ के यात्रा करेंगे, तो आपको बैठने के लिए सीट खोजने का संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। अब इस खोज में सूटकेस या ट्रॉली के साथ फोल्ड किया जाने वाली सीट लगी है। यदि आप रेलवे स्टेशन या बस स्टॉप पर हैं, तो आप आराम से प्रतीक्षा करने के लिए सूटकेस या ट्रॉली से सीट निकाल सकते हैं। एक स्कूल की लड़की निशा चौबे ने इसका आविष्कार किया है।

3. हनी बी साउंड सिस्टम
भारत में, हर वर्ष कई जानवर जैसे की हाथी रेलवे ट्रैक पार करते समय मारे जाते हैं। भारत में, 1987 के बाद से लगभग 266 हाथियों की मौत ट्रेन दुर्घटना के कारण हुई है। वही 2011-2019 के बीच 700 हाथियों के रेलवे के साथ दुर्घटना में घायल होने की सूचना मिली है।
मुरादाबाद के रेलवे कर्मचारी इस समस्या को हल करने के लिए एक प्रभावी लागत के साथ-साथ एक प्रभावी समाधान लेकर आए। इस आविष्कार का नाम है हनी बी साउंड सिस्टम। जब हाथी को मधुमक्खी की आवाज़ सुनता है, तो उनके दिमाग में एक खतरे का एहसास होता है और वह आवाज की दिशा में नहीं जाते हैं। इस हनी बी साउंड सिस्टम को रेलवे ट्रैक पर लगाये गए है।
मुरादाबाद रेलवे डिवीजन मैनेजर टी प्रकाश कहते हैं, “पिछले 2.5 वर्षों में जानवरों के साथ कोई दुर्घटना नहीं हुई है।

4. एलईडी स्टंप
इस आविष्कार की परिकल्पना ब्रॉन्ते एकर्कमैन द्वारा की गई थी, जो एक ऑस्ट्रेलियाई मैकेनिकल औद्योगिक डिजाइनर है और इसे दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई निर्माता ज़िंग इंटरनेशनल द्वारा बनाई गई है। इसे ज़िंग विकेट सिस्टम भी कहा जाता है।
पारंपरिक बेल के साथ, अंपायर के लिए यह बताना मुश्किल होता था कि बेल कब स्टंप से गिरा है और खिलाड़ी आउट है या नहीं? ज़िंग विकेट सिस्टम एलईडी के साथ आता है। बेल में एक इन-बिल्ट सेंसर होता है, जो सिर्फ सेकंड के 1/1000 हिस्से में यह निर्धारित कर सकता है कि कब बेल स्टंप से अलग हुआ है। इस तकनीक से अंपायरों को करीबी स्टंपिंग और रन-आउट के दौरान सही निर्णय लेने में मदद मिलता है।

5. प्लांटेबल / अंकुरित पेंसिल का अविष्कार
अंकुरित पेंसिल दुनिया की पहली पेंसिल है जिसे उपयोग के बाद लगाया / रोपा जा सकता है। इस आविष्कार में रबर के स्थान पर एक विशेष बीज का कैप्सूल लगाया हुआ है। बीज के कैप्सूल में उच्च गुणवत्ता और अनुपचारित बीज होते हैं। यह कैप्सूल पानी में घुलनशील होता है, जिससे पेंसिल को उपयोग करने के बाद रोपण करना आसान हो जाता है। अंकुरित पेंसिल प्राकृतिक देवदार की लकड़ी से बना है और इसका नोक मिट्टी और ग्रेफाइट के मिश्रण से बना है इसलिए इसमें कोई सीसा नहीं होता है। जब अंकुरित पेंसिल लिखने के बाद बहुत छोटा हो जाए, तो इसे रोपा जा सकता है।
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