मानव धरती पर हजारों सालों से रह रहा है। परंतु जब भी हम आसपास की चीजों से हटकर हम खुद से प्रकृति की तरफ देखते हुए यह सवाल पूछते हैं कि धरती का आरंभ कैसा हुआ होगा? धरती की उत्पत्ति कैसे हुई होगी? या धरती ने करोड़ो सालों में किस-किस तरीके का समय देखा होगा? आज हम आपको इस लेख में घरती से जुड़े कुछ रोचक और रहस्यमयी तथ्यों के बारें में बताएंगे।
इतिहास में वैज्ञानिकों ने धरती की उत्पत्ति के संबंध में अनेक बातें कहीं हैं। इसके धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही मत सुनने को मिलते हैं। यदि धार्मिक मत की माने तो पृथ्वी की रचना भगवान या ईश्वर द्वारा की गई है।दूसरी तरफ वैज्ञानिक मत को देखें तो उसके अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति सूर्य और एक विशालकाय पुच्छल तारे के बीच टकराव के कारण हुई है। इतिहास में अनेक विद्वानों ने पिछले कुछ सालों में पृथ्वी कि उत्पत्ति पर अनेक टिप्पणी दीं। जिनमें बफन, कांट, लाप्लास, रास और लौकीअर आदि विद्वानों का के नाम प्रमुख है।

पृथ्वी की उत्पत्ति का कारण
यदि विद्वानों की माने तो वर्तमान से लगभग 460 करोड़ वर्ष पूर्व पृथ्वी, मंगल, शुक्र, शनि आदि ग्रह ब्रह्मांड में थे ही नहीं। वहां सिर्फ सूर्य और अन्य ग्रह एक तरल गैस की विशाल पिंड के रूप में स्थित है। यह विशाल पिंड पूरे अंतरिक्ष में तेज गति से हमेशा घूमता रहता था। जिसे आज हम सब सूर्य के नाम से जानते हैं कुछ समय के बाद एक प्राकृतिक घटना के कारण सूर्य ब्रह्मांड के किसी एक विशाल भिंड से टकराया और उस पिंड के कुछ टुकड़े सूर्य से टकराने के बाद कुछ अलग-अलग बट गए। और वह सभी पिंड सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने लगे। कहा जाता है कि पृथ्वी भी इन्हीं टुकड़ों में से एक पिण्ड है। इतिहासकारों ने बताया की दीर्घकाल तक पृथ्वी एक आग के गोले की तरह ब्रह्मांड में धधकती रही।
जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया उसी के साथ पृथ्वी के अंदर भूकंप, तूफान और भारी वर्षा आयी। जिसकी कारण यह धीरे-धीरे ठंडी होती गई और इस पर एक गैस धरातल अस्तित्व में आया। उसके बाद पृथ्वी पर अनेक प्राकृतिक परिवर्तनों के बाद पहाड़ों, घाटियों, घास के मैदानों और समुद्र का निर्माण हुआ। जिसके चलते भूगर्भ वैज्ञानिकों ने चट्टानों की परतों, समुद्र और अलग-अलग जहग का अध्ययन करके पृथ्वी के इतिहास में पांच मुख्य कालों में विभाजित किया है। इन सभी कालों को भूवैज्ञानिक युग भी कहा जाता है।
हिम युग (IceAge) का समय
सबसे पहला हिम युग (IceAge) है। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना था कि पिछले लाख वर्षों में पृथ्वी पर बहुत बड़े-बड़े परिवर्तन हुए। जिसमें जिसमें चार हिम युग (IceAge) भी थे। उनके अनुसार पहला हिम युग वर्तमान से तकरीबन 6 लाख वर्ष पहले हुआ था। इस युग के मुख्य परिवर्तन में उत्तरी ध्रुव में अधिक मात्रा में बर्फ जम गई थी और यूरोप और उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भागों में विशालकाय बर्फीले मैदान बन गए थे। उसके बाद धीरे-धीरे बर्फ की यह मोटी सी परत दक्षिण की ओर भी फैलने लगी। बर्फीले तल बन गए। इस बर्फ ने यूरोप, एशिया, और अमेरिका के बहुत बड़े-बड़े इलाकों को ढक लिया था। जिसके कारण इन सभी क्षेत्रों के वन नष्ट हो गए और सिर्फ वहां घास के बड़े-बड़े मैदान ही रह गए थे।

इस प्रकार चार हिम युग (IceAge) बीत गए और इसी समय में अटलांटिक महासागर का निर्माण हुआ। धीरे-धीरे अमेरिका महाद्वीप यूरोप से अलग हो गया। इसमें आखिरी हिम युग वर्तमान से लगभग 5 हज़ार वर्ष पहले आया था। इन सभी हिम युग (IceAge)के बीच का जो काल था वह हमेशा गर्म ही रहता था। आज के समय में भी उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव प्रदेशों जैसे कि ग्रीनलैंड आदि का बड़ा भाग अभी भी बर्फ से ढका हुआ है। जिसके कारण हम हिम युगों की अस्तित्व की पुष्टि कर सकते हैं।
धरती पर जीव कि उत्पत्ति और विकास
जिस समय धरती पर इतनी भयानक उथल-पुथल हो रही थी। ऐसे में किसी भी जीव का धरती पर रहना संभव नहीं था। पर यहाँ पर दिलचस्प बात यह है कि ऐसी अवस्था में भी धरती पर मानव जीवन की उत्पत्ति हुई। इसके विपरीत मानव धरती पर कैसे आया? कब आया? यह अपने आप में ही एक बहुत कठिन प्रश्न है। यदि हम जीव वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार समझें तो वर्तमान से 120 करोड़ वर्ष से 300 करोड़ वर्ष पूर्व, जल में जीव का जन्म हुआ था।
ऐसा माना जाता है कि उस समय पैदा हुआ जीव एक जेली की तरह एक कोशिका वाला अत्यंत सूछ्म प्राणी था। जिसमें ना तो त्वचा थी और ना ही हड्डियां थी। समय के साथ जीव की प्रकृति में भी अनेक प्रकार के परिवर्तन हुए और धरती पर अनेक तरह के वनस्पति और जीव जंतु धीरे-धीरे अस्तित्व में आने लगे। जैसे कि समुद्र के जल में मछलियों का जन्म हुआ। फिर मेंढक जैसे जीव धीरे-धीरे धरती पर आए जोकि जल और धरती दोनों पर रह सकते थे। कुछ समय के बाद पेट से रंगने वाले जीवो का आगमन हुआ। जिसमें सांप छछूंदर और डायनासोर जितने बड़े जीव जंतु भी थे। उनकी लंबाई 30 मीटर तक हुआ करती थी।

उसके करोड़ों वर्ष बाद धीरे-धीरे आकाश में उड़ने वाले पक्षियों का आगमन हुआ। ऐसा माना जाता है कि आज से लगभग 5 करोड वर्ष पूर्व धरती पर मैमल्स यानी स्तनधारी जीवों का जन्म हुआ था। इनकी खास बात यह थी कि यह जीव अपने बच्चों को दूध पिला सकते थे। जिनमें आज के समय के हाथी, ऊंट, सूअर और भेड़ों जैसी बनावट वाले जीव उस समय में पाए जाते थे। इस स्थिति के बाद कुछ ऐसे जीव भी उत्पन्न हुए जो वृक्षों पर या पेड़ों पर रह सकते थे। जैसे कि आज के समय के बंदर, लंगूर आदि। यदि जीव वैज्ञानिकों की माने तो इस सब प्राणियों जन्म और विकास के बीच वर्तमान से लगभग 20 से 10 लाख वर्ष पूर्व आज के मानव का जन्म हुआ होगा।
जीव वैज्ञानिकों ने प्राचीन काल के सभी जीवों को चार युगों में बाटा है। जिसके अनुसार हम उनकी प्रकृति और उत्पत्ति उनके युगो को समझ सकते हैं।
इसमें सबसे पहला युग है, कैंब्रियन युग। इस युग में अमीबा, स्पंज, जेली मछली, झींगा, बिच्छू जैसे जीवों की उत्पत्ति हुई। इसके बाद कार्बन युग में मेंढक, केकड़े, कान खजूरे कीट पतंग, मक्खियों और रेंगने वाले जीवों का जनम हुआ। इसके बाद पर परमियन युग में सांपों की जाति के विशालकाय जीवो का जन्म हुआ। जिसमें मगरमच्छ, सांप, अजगर छिपकली के वंशजों ने जन्म लिया। उनकी लंबाई उस समय 30 मीटर और ऊंचाई 5 मीटर तक हुआ करती थी। विशेष बात यह है कि इन सभी जीवो की खोपड़ी और मस्तिष्क बहुत ही छोटा होता था। इनमें से कई जीवों का उस समय में मांसाहारी डायनासोर ने शिकार कर लिया होगा।

अंत में आधुनिक युग में समतापी और स्तनधारी जीवो का जन्म हुआ जिनमें उड़ने वाले जीव भी सम्मिलित थे और ऐसे जीव भी सम्मिलित थे जो जल में रहते थे। इस समय में मानव रूप रखने वाले नर-वानर जीवों की उत्पति हुई। इन जीवों को प्राइमेट्स भी कहा जाता है।
मुझे आशा है कि आपको “धरती की उत्पत्ति कैसे हुई? जानिए इसके पीछे के रहस्यमयी तथ्य।” पर हमारा यह लेख पसंद आया होगा। आप अपनी प्रतिक्रिया हमें कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं ताकि हम तिकड़म पर और भी रोचक तथ्य भविष्य में ला सकें। तिकड़म की ओर से हमारी हमेशा यही कोशिश है कि हम लोगों तक दुनिया के दिलचस्प तथ्यों से अवगत करा सकें। यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो मेरा आपसे अनुरोध है कि आप हमारें YouTube चैनल को अपने मित्रों के साथ शेयर करें। आप यहाँ टेक्नोलॉजी, सिनेमा और स्वास्थ सम्बंधित आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं।